Priyanka06

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -22-Aug-2023 दिल शीशे सा होता प्यारे

दिल शीशे सा होता प्यारे, छलकती उसमें सत्यता।
देखो रोज तुम ये आइना, मिले इसमें सभ्यता।।

झूठ फरेब की धूल हटाना, करना नित सफाई।
रखना इसको पाक हमेशा, खुशियाॅं  लेंगी अंगड़ाई।।

धवल किरण सा होता शीशा, चमक अपार होती।
सही रहा पर जब हम चलते, नेकी के पिरोते मोती।।

दिल शीशा तो नदियों जैसा, उज्जवल सी बहती रेला।
देखू जब उसमें परछाई, अच्छाइयों का होता मेला।।

दिल शीशे में बसते जब प्रभु, मिटती सारी बाधा।
आया कल्मष दूर करते, दुख में हमको साधा।।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

   16
2 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

Reply

Reena yadav

23-Aug-2023 06:44 AM

👍👍

Reply